Tuesday, February 22, 2011

कई जन्मों का सम्बन्ध





उसके द्वार पर
उजियारे का उत्सव
आनंद का उमडन
बिना जाने  ही
रूप बदल जाता मेरा
न जाने कैसे
अतिथि की भूमिका छूट जाती
रंग-बिरंगे उल्लास में भीगा
नृत्य करती धडकनों के साथ
अपार प्यार के ज्वार पर सवार
करने लगता अगवानी 
मिलता गले
आगंतुकों के
जैसे सबके साथ
कई कई जन्मों का सम्बन्ध है मेरा

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
मंगलवार, २२ फरवरी २०११            

2 comments:

Ashok Vyas said...

Bahut dhanyawaad Vandanaji

सुरेन्द्र सिंह " झंझट " said...

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