शब्द वाहक हैं उस संदेश के।
बहुत सुन्दर भाव
जैसे आसमान से उतरा होफूलों का महकता गुलदस्ता,जैसे आत्म-सखा रूप में साथ मिल करखिलखिलाया हो रस्ता,ऐसे ही जब जब देखता हूँ तुम्हारे भेजे शब्द उपहार मेरे समूचेअस्त्तित्व से फूटता हैरसमय, निश्छल प्यार शब्द कुछ देर रोक लेते हैं ......!!
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है कुछ बात दिखती नहीं जो पर करती है असर ऐसी की जो दीखता है इसी से होता मुखर है कुछ बात जिसे बनाने बैठता दिन -...
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शब्द वाहक हैं उस संदेश के।
बहुत सुन्दर भाव
जैसे आसमान से
उतरा हो
फूलों का महकता गुलदस्ता,
जैसे आत्म-सखा रूप में
साथ मिल कर
खिलखिलाया हो रस्ता,
ऐसे ही
जब जब देखता हूँ
तुम्हारे भेजे शब्द उपहार
मेरे समूचे
अस्त्तित्व से फूटता है
रसमय, निश्छल प्यार
शब्द कुछ देर रोक लेते हैं ......!!
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