Tuesday, February 16, 2016

छल की खबर

कुछ दिनों में लोग भूलने लगेंगे वो नारे, जिनमें शपथ थी राष्ट्र विनाश की 

आलोचना होने लगेगी, सत्य को सत्य कहने वालों के सटीक प्रयास की 

 राष्ट्र भक्ति में डूबे आक्रोशित स्वर के विरोध में व्यस्थित मोर्चे निकाले जाएंगे 

अपराधी फिर सुनियोजित ढंग से प्रजातान्त्रिक भोलेपन का बड़ा लाभ उठाएंगे 

 

 कोतवाल को डाँट पिलाने कुछ चोर फिर इक्कठे होकर आवाज उठाएंगे 

अपने निर्दोष होने का ढिंढोरा विदेशी संचार माध्यमों तक भी पहुंचाएंगे 

ये होता लगे है अब आइने में हम अपना ही चेहरा नहीं देख पाएंगे 

पर इस छल की खबर लेकर कौन सी अदालत का द्वार खटखटाएंगे 

वो  आने वाली पीढ़ी से राष्ट्र विरोधी जहर सरेआम उगलवायें

 और क्या हम प्रतिकार करने का सही तरीका ढूंढते रह जाएंगे ?

 

अशोक व्यास 

१६ फरवरी २०१६ 

 

प्यार की बात करने वालों के लिए है डर

नफरत की वकालत में क्यों लग गया नगर 

 नए तर्क की परतों में छुपा रहे मिल कर 

वो अपनी घिनौनी सोच का नापाक ज़हर

 







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