Wednesday, December 2, 2015




देह वो छोड़ कर गया बाबा 
वक्त जैसे ठहर गया बाबा 

सबको सूना सा कर गया बाबा 
एक सन्नाटा भर गया बाबा 



इस खबर पर यकीन कैसे करें 
जिससे सब कुछ बिखर गया बाबा 

अब सुने कौन, कहूँ किससे मैं
अकेलेपन से डर गया बाबा 

कहना-सुन्ना था बहुत कुछ उससे 
किससे पूछूँ किधर गया बाबा 

अशोक व्यास 
न्यूयार्क, मई २०१५ 

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