देह वो छोड़ कर गया बाबा
वक्त जैसे ठहर गया बाबा
सबको सूना सा कर गया बाबा
एक सन्नाटा भर गया बाबा
इस खबर पर यकीन कैसे करें
जिससे सब कुछ बिखर गया बाबा
अब सुने कौन, कहूँ किससे मैं
अकेलेपन से डर गया बाबा
कहना-सुन्ना था बहुत कुछ उससे
किससे पूछूँ किधर गया बाबा
अशोक व्यास
न्यूयार्क, मई २०१५
No comments:
Post a Comment