१
देख लिया जो, कथनी - करनी का अंतर
दिखला दिया, कमल पर मुहर लगा कर
२
पूर्व प्रधान मंत्री ने कहा,
नमो प्रधान करेगा देश का बंटाधार
पर जनता ने
छलकाया नमो पर विश्वास और प्यार
३
समझ गयी जनता
किसकी जुबान में सच्चाई
कौन कहे है झूठी कहानी,
जनादेश ने
माँ- बेटे की सरकार को
इस बार याद दिलाई नानी
४
कमल की शोभा से
पुलकित हुई वसुंधरा
कीचङ उछलने वालों के
मुख पर ही कीचङ गिरा
५
जान गए सब, वे नहीं जानती
भारतीयता का सार,
नहीं चला मैडम द्वारा
बहलाने , फुसलाने , डराने का प्रचार
६
कह दिया जनता ने
जिसे शहजादा कहता है राजनीति प्यार की
संकीर्णता है उसमें
वो जनता को शक्ति देने वाली बात है बेकार की
७
वो छिछोरे आरोपों से
नहीं बना पाये पतवार
ओछी राजनीति पर
हो गया कडा प्रहार
८
भारत गौरव प्रतिष्ठा का
सपना करने साकार
लो आ ही गयी इस बार,
एक जोरदार सरकार
९
क्षुद्र चिंतन नहीं, नमो यानि रचनात्मक उत्थान
मिल जुल कर, युग निर्माण, मेरा भारत महान
गरिमायुत, संयमित व्यवहार
आचरण में समन्वय का सार
श्रद्धा और आत्मीयता का श्रृंगार
अबकी बार, मेरी सी है सरकार
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१८ मई २०१४
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