उत्सव है स्वर्णिम साथ का
आनंद बरसे इस बात का
प्रेम और सेवा का संगम
कृपामय नृत्य द्वारका नाथ का
भीम चाचाजी और चाचीजी का साथ
पूरे परिवार में माधुर्य की सौगात
गौरवशाली मिलन की पच्चासवीं वर्षगाँठ
श्रीनाथ जी की शरण में हो रहे हैं ठाट
बात हंसने-गाने, झूम जाने की
बधाई के मंगल गीत सुनने सुनाने की
संस्कार सरिता से आचमन कर
विशिष्ट युगल पर पुष्प बरसाने की
ह्रदय में प्रार्थना और उल्लास
भीम चाचाजी हैं सबके ख़ास
चाचीजी उनके लिए खासमखास
प्रेरक दाम्पत्य के उजले बरस पचास
रंग-रस से छाई बेला मतवाली
बाजे ढोल-मृदंग और थाली
सजती रहे यह धूम -धाम
चाचाजी - चाचीजी को प्रणाम
आत्मीयता के युगल कोष को वंदन
मस्त जय श्री कृष्ण वाला अभिनन्दन
जय हो !
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
२० मई २०१४
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