बेहतरीन सोच ऐसे ही शब्द लेते है रोजाना , बधाई
कभी धूप तो कभी छाँव।
धूप-छाँव से परे केमौन में अनायासsunder rachna.
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है कुछ बात दिखती नहीं जो पर करती है असर ऐसी की जो दीखता है इसी से होता मुखर है कुछ बात जिसे बनाने बैठता दिन -...
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बेहतरीन सोच ऐसे ही शब्द लेते है रोजाना , बधाई
कभी धूप तो कभी छाँव।
धूप-छाँव से परे के
मौन में अनायास
sunder rachna.
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