उतरते हुए
छम छम करती
बूंदों की लडियां
अलग अलग होते हुए भी
जुडी हैं
एक दूसरे से
गति के द्वारा, लय के द्वारा
सौंदर्य और संगीत प्रकट करता
जुड़ाव का
एक सौम्य तारतम्य
इस जुड़ाव में
एक अदृश्य सूत्र है,
मुग्ध हो रहा
उसे देख-देख कर
जो
ना दीखते हुए भी
दिखाता है
सब कुछ
अशोक व्यास
२० जून २०११
2 comments:
जुडी हैं
एक दूसरे से
गति के द्वारा, लय के द्वारा
इसी गति और लय से संगीत और शास्त्र जुड़े हैं ..
.सुंदर अभिव्यक्ति ..!!
उसके दर्शन कराने का तरीका ही अलग है।
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