Friday, June 24, 2011

अभिव्यक्ति का दूध


कौन सा होगा वह शब्द
जहाँ से शुरू होगा
सूत्र
अपने आप तक पहुँचने का

प्रश्न दिखता नहीं
उत्तर दिख जाता है
खुले द्वार को देख दौड़ता है मन

अभिव्यक्ति का दूध
झरता है जैसे
पावन गौमाता के थन से

शब्द वात्सल्य से
उंडेलते हैं
शुद्धि, बुद्धि
दृष्टि और फिर
और अधिक सुन्दर, रसमय
सारयुक्त हो जाती सृष्टि


अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
२४ जून २०११              

3 comments:

Unknown said...

व्यास जी आपके मन में गहरे तक हिन्दुस्तान का दिल धड़कता है इस धड़कन को जज्बात में ढालते रहिये शुभकामनाये

प्रवीण पाण्डेय said...

वहाँ तो शब्द स्वयं ही स्वरूप हो जाता है।

Rakesh Kumar said...

सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
आपने खुद ही प्रश्न किया और खुद ही उत्तर दे दिया है.'अक्षर ब्रहम योग' गीता के आठवें अध्याय में वर्णित है.

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