Sunday, April 17, 2011

अमृत की बौछार


अब किरणों के नए गीत से
हर धडकना पर प्यार लिखूंगा
हर धड़कन में धड़क रहा जो
मैं उसका आभार लिखूंगा
मौन पिघल 
सुन्दर नदिया बन बहे आज तो
मिला संदेसा
नयन मिला कर,
अमृत की बौछार लिखूंगा

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
  
   

6 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

हर धड़कन में धड़क रहा जो
मैं उसका आभार लिखूंगा

खूबसूरत भाव ..

Anupama Tripathi said...

अमृतमयी प्रस्तुति
आभार .

प्रवीण पाण्डेय said...

अमृत की बौछार,
और हम,
सिंचने को तैयार।

Smart Indian - स्मार्ट इंडियन said...

हर धड़कन में धड़क रहा जो
मैं उसका आभार लिखूंगा

सुन्दर कृति, धन्यवाद!

vandana gupta said...

जब अमृत रस की बौछारे पडती है तब सब अमृतमय हो जाता है।

Ashok Vyas said...

संगीता जी,
अनुपमाजी,
प्रवीणजी,
समार्ट इंडियन जी,
वंदनाजी
अमृत की बौछार की पुकार सुन कर भीगने के लिए प्रस्तुत होने का मन आपका नमन योग्य है
साभार

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