Friday, January 28, 2011

हरियाली ऊपर से नहीं टपकेगी

 
पेड़ों की नंगी शाखाओं पर
ठहर गयी है बर्फ
सफ़ेद फूल सी
दे रही है
सांत्वना और सन्देश 
हरियाली ऊपर से नहीं टपकेगी
भीतर से हो ही जायेगी प्रकट 
समय आने पर 

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
शुक्रवार, २८ जनवरी २०११



2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

मन की शक्ति पर भरोसा रहे हम सबको।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

अंतर्मन से ही खुशी की हरियाली फूटती है ..

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