लिखते समय
कौन सी बात
उछल कर
आ धमकती है शब्दों के साथ
निर्णय इसका
मेरा नहीं
उसका है
जो ले चुका है
निर्णय
मुझे बनाने का
हर बात
मुझे बनाती है
किसी नए ढंग से
मेरा विस्तार मुझे दिखाती है
और जब
संकुचित हो जाता है मन
हर बात ठहर सी जाती है
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
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