बहुत देर तक
करता रहा विचार
और पहुंच गया
वहीं फिर एक बार
जहाँ
समन्वय है, शांति है, सद्भावना है
सबके कल्याण की प्रार्थना है
२
एक दो राहे पर
जहाँ से
एक रास्ता
शत्रुता, हिंसा और अशांति की तरफ ले जाता है
कौन है जो
मुझे हमेशा
इस अक्षय शांति पथ की ओर ले आता है
३
मैं ये भूल नहीं पाता
मेरी साँसों में
सबके कल्याण की रसमय गाथा है
और
कृतज्ञता से देखता हूँ उसे
जो मुझे यह शाश्वत कथा याद दिलाता है
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
शनिवार, २१ अगस्त २०१०
1 comment:
इस अक्षय शान्ति पथ की खोज सभी को है।
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