Saturday, August 21, 2010

अक्षय शांति पथ



 
बहुत देर तक 
करता रहा विचार
और पहुंच गया
वहीं फिर एक बार
जहाँ 
समन्वय है, शांति है, सद्भावना है
सबके कल्याण की प्रार्थना है

एक दो राहे पर
जहाँ से
एक रास्ता 
शत्रुता, हिंसा और अशांति की तरफ ले जाता है
कौन है  जो 
मुझे हमेशा
इस अक्षय शांति पथ की ओर ले आता है


मैं ये भूल नहीं पाता
मेरी साँसों में
सबके कल्याण की रसमय गाथा है
और 
कृतज्ञता से देखता हूँ उसे
जो मुझे यह शाश्वत कथा याद दिलाता है


अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
शनिवार, २१ अगस्त २०१०

1 comment:

प्रवीण पाण्डेय said...

इस अक्षय शान्ति पथ की खोज सभी को है।

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