(चित्र- अशोक व्यास) |
अब नए नए तरीके हैं
संपर्क करने के
पर आज भी
जुड़े रहने की चाह
जहाँ से आती है
वो जगह
वही है
जो तब थी
और उस जगह तक पहुचने में
मेरे अलावा और कोई
नहीं कर सकता
मदद मेरी
(चित्र- ललित शाह) |
२
नए नए तौर-तरीके लेकर
एक पुरानी गुफा के पास
पहुँचता हूँ
हर दिन
पर
वहां जाकर
वही एक फूल चढ़ा पाता हूँ
जो मैंने किसी यन्त्र से नहीं पाया
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
बुधवार, १८ अगस्त २०१०
1 comment:
प्रकृतिकता की सुन्दर प्रस्तुति।
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