Sunday, May 23, 2010

सौम्य आनंद


ये कौन है
जो हर दिन
स्वच्छ कर देता
मन का गलियारा,
कहाँ से 
उतर आता स्फूर्तिदायक
अनुपम उजियारा,

ये कली सी भोर 
खुलने के पहले
किसको करती है नमन,
ये ध्यानस्थ 
सौम्य आनंद सा
सत्य है या स्वपन?

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
सुबह ७ बज कर १५ मिनट
रविवार, २३ मई २०१०

No comments:

सुंदर मौन की गाथा

   है कुछ बात दिखती नहीं जो  पर करती है असर  ऐसी की जो दीखता है  इसी से होता मुखर  है कुछ बात जिसे बनाने  बैठता दिन -...