Sunday, March 28, 2010

कुछ ख़ास है


इस बार
किरण को कहा
नए दौर की हवाओं ने

ठीक है 
उतरती हो धरती पर 
उजियारा लेकर 
अच्छी हो
लाती हो साथ अपने आशा की उष्मा भी 

पर इतना ही पर्याप्त नहीं
अब धरती वालों तक 
अपनी उपस्थिति पहुंचाने के लिए
तुम्हे भी करना होगा 
अपने आने का प्रचार 
किसी और तरह से भी

यूँ की किसी के लिए
तुम्हारे आने पर बजे नगाड़ा
किसी को मिल जाए खुशबू
किसी को दिखाई दे सतरंगा इन्द्रधनुष सा

कुछ ऐसा अतिरिक्त की 
अपने आप में डूबे लोग
अपनी नींद छोड़ कर
घर से बाहर चाहे ना आयें

कम से कम देख तो लें 
खिड़की से बाहर
कि उतरी है किरण 
और
उनका ध्यान चुराने के लिए भी
इस किरण के पास 
कुछ ख़ास है 



अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
रविवार, सुबह ८ बज कर ५० मिनट

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