कितनी तरह के आनंद हैं
उपलब्ध हमारे लिए
करते हैं
प्रतीक्षा हमारी
आओ
अपना लो हमें
एक आनंद वो
जो सांस लेने का है
हम पहचानते ही नहीं इसे
एक वो
जो बनता है सूत्र
हमारे एक चरण से दूसरे चरण के बीच
देना चाहता है
ताजगी और उल्लास का उपहार
पर चाहता है
हम खोलें वो द्वार
जिनके भीतर बंद होकर
हम कर नहीं पाते
स्वशासन
आनंद ने सरल से नियम बना रखे हैं
विजेता घोषित करने के लिए
लो देखो अपने आप को
स्वीकार करो
ऐसे
कि तन और मन के खेल में
नियंत्रण बना रहे तुम्हारा
संतुलित होकर
बढाओ सामर्थ्य, सक्षमता
बहने दो शक्तियुक्त रसमयता
किनारों के बीच बहती है
नदी जैसे
नियमों के बीच बहो
ऐसे के स्मृति में रहे
सम्बन्ध सागर से
आनंद उमड़ कर
स्नान करवाता है जब तुम्हे
अपने आप का अभिषेक करते हुए
इस स्वतः स्फूर्त आलोक से
लो
किसी एक क्षण में
हो जायेगी अनुभूति
तुम ही आनंद हो
अशोक व्यास
फरवरी ६, १०
न्यूयार्क, अमेरिका
सुबह ८ बज कर ९ मिनट
उपलब्ध हमारे लिए
करते हैं
प्रतीक्षा हमारी
आओ
अपना लो हमें
एक आनंद वो
जो सांस लेने का है
हम पहचानते ही नहीं इसे
एक वो
जो बनता है सूत्र
हमारे एक चरण से दूसरे चरण के बीच
देना चाहता है
ताजगी और उल्लास का उपहार
पर चाहता है
हम खोलें वो द्वार
जिनके भीतर बंद होकर
हम कर नहीं पाते
स्वशासन
आनंद ने सरल से नियम बना रखे हैं
विजेता घोषित करने के लिए
लो देखो अपने आप को
स्वीकार करो
ऐसे
कि तन और मन के खेल में
नियंत्रण बना रहे तुम्हारा
संतुलित होकर
बढाओ सामर्थ्य, सक्षमता
बहने दो शक्तियुक्त रसमयता
किनारों के बीच बहती है
नदी जैसे
नियमों के बीच बहो
ऐसे के स्मृति में रहे
सम्बन्ध सागर से
आनंद उमड़ कर
स्नान करवाता है जब तुम्हे
अपने आप का अभिषेक करते हुए
इस स्वतः स्फूर्त आलोक से
लो
किसी एक क्षण में
हो जायेगी अनुभूति
तुम ही आनंद हो
अशोक व्यास
फरवरी ६, १०
न्यूयार्क, अमेरिका
सुबह ८ बज कर ९ मिनट
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