Wednesday, January 20, 2010

जब दिखती है दीवार


देखता हूँ
देखने में है कोई जादू सा
जिससे
रच रहा संसार सारा
देखता हूँ
देखने से रंग बदलती 
मन की धारा





अब जब दिखती है दीवार
याद रहता है मुझे हर बार
है इस अवरोध के उस पार
दूर तक मेरा भी विस्तार

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
सुबह ५ बज कर २२ मिनट
जनवरी २०, 10

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