Saturday, December 6, 2014


जीवन के इस जादू में 
इच्छाओं का जंगल है 

आँख -२ में अंतर है 
जो सच है, वो ही छल है 

वो दिखता ही नहीं कहीं 
जिससे सारी हलचल है 

बैठ सका जो निश्चल है 
उसे दिखा चिर चंचल है 


अशोक व्यास 
न्यूयार्क, अमेरिका 

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