Wednesday, October 15, 2014

वह जो समर्पित है


समय है 
संयोग है
या  
समझ का सही उपयोग है 

सफलता का रहस्य ढूंढने वाला विश्लेषण 
कभी भी 
सर्वकालिक समाधान तक 
नहीं ले जा सकता 

हर बार 
एक नूतन किरण 
अनिश्चय की 
आ धमकती है 
सम्भावनाओ के आँगन में 
नए नए रंग खिलाती 
नए नए दृश्य दिखलाती 

विश्लेषण में 
जो कुछ मिलता है 
उसका जीवन अल्प है 
समर्पण में 
वह मिलता है 
जो निर्विकल्प है 

विश्लेषण करने वाला 
समर्पण करने से 
दूरी बनाये रखने को 
बाध्य है 
और 
वह जो समर्पित है 
परम आनंद में मगन है 
उसके लिए तो 
शुष्क विश्लेषण 
असाध्य है 

अशोक व्यास 
न्यूयार्क, अमेरिका 
१५ अक्टूबर २०१४ 


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