प्रबल ईश्वर कृपा से गति बनी रहती है ....
पता नहीं कब बढ़ जाते हम,पंथ लक्ष्य तक पड़ जाते कम।
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है कुछ बात दिखती नहीं जो पर करती है असर ऐसी की जो दीखता है इसी से होता मुखर है कुछ बात जिसे बनाने बैठता दिन -...
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प्रबल ईश्वर कृपा से गति बनी रहती है ....
पता नहीं कब बढ़ जाते हम,
पंथ लक्ष्य तक पड़ जाते कम।
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