दीप उत्सव का मंगल गान
आस्था का ज्योतिर्मय आव्हान
बने वैभवशाली
पायें खुशहाली
समन्वय की बजे ताली
आनंद बढ़ाये दीवाली
रामजी के घर लौटने का मर्म
स्वयं से सर्वोत्तम की पहचान है
उजियारे का ये उमंग भरा पर्व
सपने साकार करने का आव्हान है
मन का मधुर प्रेम से करे श्रृंगार
हर स्थिति का आस से हो सत्कार
खनक रही है उत्साह की झंकार
दीपोत्सव पर ज्योतिर्मय नमस्कार
अशोक व्यास
2 comments:
मन का मधुर प्रेम से करे श्रृंगार
हर स्थिति का आस से हो सत्कार
खनक रही है उत्साह की झंकार
दीपोत्सव पर ज्योतिर्मय नमस्कार
बहुत सुंदर गीत !!
दीवाली की शुभकामनायें।
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