Sunday, August 7, 2011

एक वो जादुई स्पर्श तुम्हारा


  
एक वो जादुई स्पर्श तुम्हारा
जगा देता आनंद की धारा
सुनहरा हो जाता संसार हमारा
आत्मीय सा लगता जगत सारा

उस स्पर्श का करते हुए आव्हान
देख रहा कब मुस्काये आस्मां
फिर से उमड़ आये वो कृपा पवन
   जो करती हर मुश्किल आसान     
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
७ अगस्त २०११  
   

2 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

प्रेम और आत्मीयता का स्पर्श।

रजनीश तिवारी said...

bahut sundar..

सुंदर मौन की गाथा

   है कुछ बात दिखती नहीं जो  पर करती है असर  ऐसी की जो दीखता है  इसी से होता मुखर  है कुछ बात जिसे बनाने  बैठता दिन -...