Tuesday, June 7, 2011

सारा संसार


सीढियां
अपने आप
आ जाती हैं
पांवों के नीचे,

चलना कर देता है 
उन्नत,

बढ़ते बढ़ते
गगन छूना 
सहज हो जाता है

मेरी मुस्कान के घेरे में
धीरे धीरे
सारा संसार
समा जाता है 

अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
मंगलवार, जून ७, 2011         

2 comments:

Unknown said...

सीढियां
अपने आप
आ जाती हैं
पांवों के नीचे

कम शब्दों में गहरी बात , छायावादी भी बधाई

प्रवीण पाण्डेय said...

अध्यात्मिक मुस्कान।

सुंदर मौन की गाथा

   है कुछ बात दिखती नहीं जो  पर करती है असर  ऐसी की जो दीखता है  इसी से होता मुखर  है कुछ बात जिसे बनाने  बैठता दिन -...