नए बरस में
नई बात की फसल आये
हर एक उलझन का
नया हल आये
नमन उस पथ को भी
हम जिस पे यहाँ चल आये
और इस उजियारे को
जो ले के नया पल आये
नयापन साथ है, तो साथ चिर जवानी है
नयेपन में विकास की मधुर कहानी है
इसी को देख कर आशा ले नई अंगड़ाई,
इसी के वास्ते ख्वाबों में बजे शहनाई
बदलती कोशिकाएं, देह नई है हर पल
समय के संग नई दिव्य नदी की कल-कल
सजने-संवरने में नयापन ही रस बढाए है
नई शोखी से प्रेम, नृत्य सा जगाये है
नए बरस में नयेपन की वो पहचान मिले
कि जिससे नित्य-नूतन पग-पग पर आन मिले
नयापन उसके ही ऐश्वर्य की कहानी है
कि जिससे काल को मिलती नई रवानी है
चलो इस काल के संग ताल मिला कर नाचें
नए बरस में नए ढंग से खुद को बांचे
खिले विस्तार और वो प्यार हो अपना हमदम
कि जिससे शांति और समृद्धि का फहरे परचम
नव वर्ष का ऐसे करें सत्कार
कि मुखरित हो सत्य का सार
बहुत अच्छे!
अशोक व्यास
सोमवार, ३ जनवरी २०११
न्यूयार्क, अमेरिका
1 comment:
वाह, जीवन गीतमय हो जाये।
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