दीप पर्व की बात निराली
चेहरे पर खुशियों की लाली
फसल उमंगो की लहराई
नींव सृजन की नूतन डाली
चेहरे पर खुशियों की लाली
फसल उमंगो की लहराई
नींव सृजन की नूतन डाली
राम नाम का सार खिलाये
ज्योति पर्व मन मंगल गाये
मधुर मौन में रमा हुआ मैं
रोम रोम आनंद सुनाये
वो सच्चा जो सच को ध्याये
उसे याद कर मन खिल जाए
खिले हुए मन की आभा से
गहन अँधेरा भी मिट जाए
जय श्री कृष्ण
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
शनिवार, ६ नवम्बर 2010
3 comments:
बहुत ही सुन्दर शब्द रचना.....बेहतरीन प्रस्तुति ।
बहुत अच्छी रचना सन्देश देती हुई
सच पूजने से सब दुख मिट जाते हैं।
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