१
हर दिन नयी सलेट सा
मांगे कुछ उपहार
चलो बाँट दें साथ मिल
दूर दूर तक प्यार
२
सोये अपने साथ में
जागे अपने साथ
चल मन उसकी बात कर
जिससे है हर बात
३
धूप सखी आकाश की
फ़िर फ़िर नगर बाज़ार
देखे किस सौगात से
खुश हो मेरा यार
४
मन में जितनी लहर है
सब का एक ही धाम
सब में सागर की छवि
जब मन हो निष्काम
५
आनंद आनंद गाइए
कर कर जग के काम
उसका ध्यान लगाइए
जिससे नित आराम
6
मुझमें तुझमें रात दिन
है जिसका संगीत
उसकी लय सुन सहज ही
होवे जग से प्रीत
7
कब कैसे आई यहाँ
बूँद ओस की देख
इसके सुंदर सार से
मिटे रोष की रेख
8
अभी बरसता है अभी
वो आनंद अपार
जिसमें संग संग भीग कर
हर क्षण हो त्यौहार
९
विस्मित करती है मुझे
उसकी है एक बात
अपना रूप लिखा गया
थाम के मेरा हाथ
अशोक व्यास
न्यू यार्क में प्रातः ६ बज कर ५२ मिनट
हर दिन नयी सलेट सा
मांगे कुछ उपहार
चलो बाँट दें साथ मिल
दूर दूर तक प्यार
२
सोये अपने साथ में
जागे अपने साथ
चल मन उसकी बात कर
जिससे है हर बात
३
धूप सखी आकाश की
फ़िर फ़िर नगर बाज़ार
देखे किस सौगात से
खुश हो मेरा यार
४
मन में जितनी लहर है
सब का एक ही धाम
सब में सागर की छवि
जब मन हो निष्काम
५
आनंद आनंद गाइए
कर कर जग के काम
उसका ध्यान लगाइए
जिससे नित आराम
6
मुझमें तुझमें रात दिन
है जिसका संगीत
उसकी लय सुन सहज ही
होवे जग से प्रीत
7
कब कैसे आई यहाँ
बूँद ओस की देख
इसके सुंदर सार से
मिटे रोष की रेख
8
अभी बरसता है अभी
वो आनंद अपार
जिसमें संग संग भीग कर
हर क्षण हो त्यौहार
९
विस्मित करती है मुझे
उसकी है एक बात
अपना रूप लिखा गया
थाम के मेरा हाथ
अशोक व्यास
न्यू यार्क में प्रातः ६ बज कर ५२ मिनट
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