Tuesday, March 22, 2016

अनंत का अभिनन्दन


1

Invoking that expression
जिससे व्यवस्थित हो जाए मन 
जाग्रत रहे सदा अपनापन 
होता रहे पग पग पर 
अनंत का अभिनन्दन 


२ 

And God said, let there be light
उन्हें दिखा आलोक, जिनका चिंतन था right
जिन्होंने सर्वत्र उसे देखा, उनके लिए कैसी fight
वरना तो daytime में भी, अज्ञान की night


3

लिख लिख कर मिटाया 
अपना ही एक साया 
फिर ढूंढता रहा यूं ही 
क्या खोया, क्या पाया 


४ 
एक एक शब्द में संसार समाया 
पर अच्छा है, दिख नहीं पाया
 वरना कैसे असर करती
ये भ्रम फैलाती माया 


अशोक व्यास 







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