दीप पर्व उजियारे की पुकार है
अँधेरा छोड़ कर ही विस्तार है
ज्ञान में ही जीने का सार है
दीपावली पावन मंगल श्रृंगार है
इस बार
दीपोत्सव कुछ ऐसे मनाएं
राम का नाम ले
संकोच के घेरे से बाहर आएं
अपनी प्रचुर संभावनाएं
नूतन दृष्टि से अपनाएँ
विकास की ओर
ठोस समर्पित कदम बढाएँ
दीपावली
न मेरी न तुम्हारी
ये आलोकित सौगात
है हमारी
अपनेपन का ओजस्वी नाम है दीपावली
मानवता का राजमार्ग, ये नहीं क्षुद्र गली
दीपोत्सव सकारात्मक चिंतन का
स्वच्छ सुदर्शन आँगन
मधुर पकवान, नए परिधान
दीप पर्व पर आपका अभिनन्दन
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
१९ अक्टूबर २०१६
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