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सुंदर मौन की गाथा
है कुछ बात दिखती नहीं जो पर करती है असर ऐसी की जो दीखता है इसी से होता मुखर है कुछ बात जिसे बनाने बैठता दिन -...

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एक मैं निश्चल मुझे अब भी तुम्हारी याद आये है मुसलसल नहीं सूखा मेरे दाता, मेरी आँखों का ये जल नहीं समझा जगत क...
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है कुछ बात दिखती नहीं जो पर करती है असर ऐसी की जो दीखता है इसी से होता मुखर है कुछ बात जिसे बनाने बैठता दिन -...
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