जीवन वह नहीं
जो मिला है
जीवन वह है
जो तुम बनाते हो
सच बात है
तुम पैदाइशी निर्माता हो
अपने भाग्य विधाता हो
तुम ही संकट कारक
तुम ही आनंद प्रदाता हो
२
तुम वह नहीं
जो दीखते हो
वो नाम नहीं
जो लिखते हो
सच बात है
तुम जन्म से ही विराट हो
काल से परे का ठाट हो
चाहो तो बनो बंदी भी
वैसे तो तुम सम्राट हो
तुम मंगल मुस्कान हो
सांस सूत्र की शान हो
अपने भीतर अनंत का
सार सज्जित आव्हान हो
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
३ जनवरी २०१७
No comments:
Post a Comment