कह तो रही है
कभी समुद्री तूफ़ान से
कभी ज्वालामुखी के उठान से
सत्ता वह
बात कुछ
२
ऐसे में
जब सब कुछ
छिन्न-भिन्न सा
देता हो दिखाई
क्या हमें
सचमुच विश्वास होता है
कि हो पायेगा
बदलाव
हमारे प्रार्थना कर लेने
मात्र से
३
प्रार्थना माँगना नहीं
दे देना है अपने आप को
एक उसको
जो उत्कृष्ट है, सर्वज्ञ है, सर्वत्र है
४
और हमने
देना नहीं
लेना ही लेना सीखा है
जीवन भर
५
सबसे बड़ा सौदा वो
है
जिसमें
दांव पर लगा कर
अपना अहंकार
पा जाते हैं
कभी ना छीजने
वाला प्यार
अशोक व्यास
न्यूयार्क, अमेरिका
सुबह ७ बज कर ४७ मिनट
बुधवार अप्रैल २१, 2010
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