Tuesday, November 19, 2013

है किसे परवाह मेरी


१ 

सूरज ने कहा 
लो मैं आ गया 
मैंने अपना तेज़ दिखा दिया 
अब तुम दिखाओ 
क्या है तुम्हारे पास 

२ 

उसने संकोच से कहा 
किसे दिखाऊँ 
कौन देखना चाहता है 
है किसे परवाह मेरी 

सूरज ने हंस कर कहा 
अगर मैं भी तुम्हारी तरह सोचता 
तो उगने का समय हमेशा टालता ही रहता 
 
 
अशोक व्यास 
न्यूयार्क, अमेरिका 
२० नवम्बर २०१३


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